रुसि चलली गौरी तेजि महेश
रुसि चलली गौरी तेजि महेश, कर धय कार्तिक गोद गणेश २….
तोहे गौरी जुनि नैहर जाह २ ,त्रिशूल बाघम्बर बेचि बरु खाह
रुसि चलली गौरी तेजि महेश….
त्रिशूल बाघम्बर रहो बर पाया २ , हम दु:ख काटब नैहर जाय
रुसि चलली गौरी तेजि महेश….
देखि ऐलहूँ गौरी नैहर तोर २ , सबके पहिरन बाकल डोर
रुसि चलली गौरी तेजि महेश….
जुनि उकटू शिव नैहर मोर २, नांगट स भल बाकल डोर
रुसि चलली गौरी तेजि महेश….
भनहिं विद्यापति सुनिय महेश २, नीलकंठ भय हरहु क्लेश
रुसि चलली गौरी तेजि महेश, कर धय कार्तिक गोद गणेश २….
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