अवतार दिवस
आई किछु बचपन के घटना सभ याद आबी रहल अछि. साल में एक बेर १५ दिन के लेल महादेव के पूजा पाठ होइत छलन्हि. चकौती सं एकटा पंडित जी अबैत छलखिन आ ओ लखराम आ ओही के संगे महामृत्युंजय मंत्रक जाप करैत छलखिन. माँ आ पिताश्री बड़ी श्रध्दा सं पूजन में लागल रहैत छलखिन. आ हमर ता गप्पे नहिं पुछू – बस मस्त रहैत छलहुं – प्रतिदिन ११००० महादेव बनाबय में – बच्चा के की चाही – कोनों विधि पढ़ नहिं परय.
प्रायः पंडित जी आ सुधानंद बाबा के देखियन्ही – हमर जन्मकुंडली ल – पिताश्री संगे किछु विचार – विमर्श करैत रहैत छलखिन्ह.
हमरा प्रमाणपत्र सभ पर हमर जन्मतिथि ५ मई १९८० अंकित छै. आ हमहूँ अहि तिथि के अपन जन्मदिन मानैत रहलहुं.
बात छै सन १९९८ के – एक दिन माँ सं आग्रह केलियन्हि जे हम अपन जन्मकुंडली देख चाहैत छी.
माँ के त कोनों आपत्ति नहिं भेलन्हि – मुदा पिताश्री मना क देलखिन्ह – की हेतै जन्मकुंडली देख क?
आ फेर भरि पेट उपदेश भेटल – ज्योतिषी-पंडित के फेर में नहिं परी, सभ किछु अपना कर्म स होइत छै – जन्मकुंडली फालतू के चीज होइत छै आदि आदि
खैर कोनों तरहें पेटी में सं जन्मकुंडली निकालल – आ चोरी-चोरी देखल जे हमर वास्तविक जन्मतिथि अछि की.
आ हमरा पता लागल जे आजुक दिन अर्थात ८ अप्रील१९८०(विक्रम संवत २०३७) हम अवतरित भेल रही.
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