७२ घंटा बिनु मोबाइल – नैसर्गिक आनंद
पछिला बुद्ध [२ जुलाई २०१४] के हमर छोटका भाई अपन कूकीज ब्रांड “फॅमिली स्वाद[TM]” के औपचारिक रूप सं उद्घाटन समारोह आयोजित कैने छल.
हमहूँ अपन कार्यालय में पूर्व सूचना द देने रहियै जे हम छुट्टी पर रहब.
अहाँ सभ के अनुभव त हेबे करत – आजुक समय में छुट्टी पर गेनाई अक्सर मुश्किल होइत छैक – मोबाइल अहांक संग में आ लोक अहांक माथ पर – सदिखन आ सबतरि!
चाहे कनियाँक संग एकांत वास में होई आ की नित्य-क्रिया सं निबृत्त होबाक लेल – स्नानघर में!
पछिला मंगल [१ जुलाई २०१४] के हमर सैमसंग गैलेक्सी वाय मोबाइल चार्ज भेनाई बंद क देलक. चार्जर के कैअक बेर मोबाइल मे लगेलहूँ मुदा कोनो लाभ नहिं.
मंगल के राति में कनियाँ समेत पहुँचलहूँ छोटका भाई लग – रात्रि विश्राम भेलैक – भोरे उठलहूँ – मोबाइल दिस ध्यान गेल – दिवाली रातुक भोरहरवा के दीप जेना लुकझुक करैत – आब गेल की तब गेल.
बुद्ध [२ जुलाई २०१४] के आयोजन स्थल पर पहुँचलहूँ – ११ बजे के आस-पास – कार्यालय सं किछु लोक फ़ोन केलाह – गप्प भेल – कहलियन्हि – मोबाइल चार्ज नहिं अछि – मुदा के मानैत अछि – दिन भरि घंटी बाजल – बिनु भोजन [चार्ज] के मोबाइल कतेक देर चलत? – इम्हर सूर्य देव अस्त भेलाह आ ओम्हर हमर मोबाइल.
आइ-काल्हि कनियाँ के अंगरेजी सिखबाक फेर सं मोन भ रहल छन्हि – नॉएडा में एकटा संस्थान में संझुका कक्षा रहन्हि – तैं सभ स विदा ल नॉएडा चललहूँ – कनियाँ सीधा कक्षा गेलीह – आ हम सीधा सैमसंग के सर्विस सेंटर. साँझक ७ बजैत रहै – मोबाइल ठीक नहिं भेल.
८:१५ बजे सांझ में कनियाँ के लाब लेल विदा भेलहूँ – मोबाइल हाथ में रहय नहिं – बटुआ [पर्स] सेहो डेरा में छोडि देलियै – अरे वाह – हाथ कतेक हल्लुक – जेबी सेहो!!!
अहि दुनिया में देखबा लेल की सभ छैक – मोबाइल के स्क्रीन के बाहर सेहो दुनिया छैक – मोबाइल के संगीत सं सुन्दर प्रकृति के संगीत – सुरम्य शीतल पवन – नैसर्गिक आनंद!!
वृहस्पति के कार्यालय पहुँचलहूँ – दिन भरि शान्ति – एक बेर में एक टा काज – मीटिंग – इंटरव्यू – कोड रिव्यु – कॉफ़ी – आ की मानवीय विकार सं निवृत्ति – मोबाइल नहिं त केओ की करताह?
हाँ – एक टा बात – मोबाइल नहिं – त की? कनियाँ कार्यालय के इ-मेल पर दनादन स्टेटस लैत रहली – भोजन भेलई? कार्यालय सं कखन निकलब – निकल सं पाहिले इ-मेल क देब – दुनियाँ सं बाँचब – कनियाँ सं थोडे ने बाँचब – हा हा हा !
शुक्र के कार्यालय पहुँचलहूँ – पता लागल – किछु लोक देर राति में हमर मोबाइल पर कॉल करबाक प्रयत्न केने रहथि – मुदा निष्फल रहलाह !
शनि के संध्याकाळ एक टा छोट-मोट मोबाइल – १००० टाका में खरीदल – संध्याकाळ एक टा मित्र फ़ोन केलथि – कतय छ हो? फ़ोन स्विच-ऑफ कियैक छलह? हमर बेटाक छठिहार छल – वृहस्पति के – बड्ड मिस केलियह तोरा …..
आइ मोबाइल ठीक भ क आबि गेल – फेर सं फोनक घंटी – एसएम्एस के घंटी – इ-मेल के टिंग-टिंग – मोबाइल अहांक संग में आ लोक अहांक माथ पर – सदिखन आ सबतरि!
मुदा ओ नैसर्गिक ७२ घंटा सदिखन मोन रहत!! अहूँ के इ आनंद चाही – बस मोबाइल सं दूर भ जाऊ – कहुना – आ देखियौ – मोबाइल के बाहर सेहो बड्ड नीक दुनिया छैक – मोबाइल सं नमहर आ सुन्दर!!
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