नारद जी के दार्ही
नारद जी दार्ही रखैत छलाह की छिलबा कs चिक्कन रहैत छलाह?
अहाँ सभ पुछब इ कोन बात क रहल छी- बताह भs गेलहुँ की ?
अखन विद्यापति रचित शारदा सिन्हा के गीत सुनि रहल छलहुँ –
“हम नहिं रहब आजु अहि आंगन…”
अहि गीत में चर्चा एलन्हि नारद बाभन के – सभ टा सीरियल-नाटक में नारद जी के दार्ही-मोछ साफ केने देखाओल जाइत अछि – मुदा अहि गीत में विद्यापति आगा लिखैत छथि –
“…धोती-लोटा, पत्रा-पोथी सेहो सभ लेबन्हि छिनाय, गे माई जँ किछु बजता नारद बाभन दार्ही धय लेब घिसियाय….”
आब अहाँ सभ बताउ – नारद जी दार्ही रखैत छलाह की छिलबा कs चिक्कन रहैत छलाह?
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