बियाह पंचमी
दु-तीन साल पहिले एक टा मित्र सपत्नीक भेंट भेलाह। बाते-बात में चर्च उठल बियाहक – हम कहलियनि – हमर बियाह, बियाहपंचमी के भेल अछि। हमर मित्रक पत्नी के इ बात नहिं पचलन्हि – ओ हमर कनियाँ सं दु बेर पुछलखिन्ह – सत्ते? दुनू बेर कनियाँक उत्तर हाँ में सुनला पर …